रविवार 28 मार्च 2021 - 01:17
 इमामे ज़माना (अ.स.)कि गैबत में अपने बच्चों को प्रशिक्षित करना इस अंदाज में की वक्त ज़ुहूर वो इमामें ज़माना(अ.स.) के हक़ीकी जानिसार में शुमार हो, सुश्री ग़ज़ाला जाफ़री

हौज़ा / मजलिस -ए वहदते मुस्लेमीन महिला केंद्रीय सहायक सचिव संगठन ने कहा:कि इमामें ज़माना के सिपाही यहीं बच्चे हैं। जो माताओ की गोदी में है,उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए वे ज़माने के अपने इमाम ज़माना(अ.स.) को पहचान सके और कुरबत प्राप्त कर सकें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हैदराबाद,मजलिस-ए वहदते मुस्लेमीन महिला केंद्रीय सहायक सचिव संगठन, सुश्री ग़ज़ाला जाफ़री की तरफ से माहे शाबान की मुनासिब से गैबत इमामे ज़माना (अ.स.) और बच्चों की तरबीयत के विषय पर एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बच्चों और उनकी माताओं ने भी भाग लिया इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को इमामे ज़माना (अ.स.)के व्यक्तित्व का परिचय देना और दिल से लगाव पैदा करना था, वही माताओं में वक्त के इमाम की नुसरत के लिए बच्चों की तरबीयत के मरहले से आशनाई करवाना भी था।
कार्यक्रम में एम डब्ल्यू एम महिला विभाग की केंद्रीय संपर्क सचिव सुश्री सीमी नक़वी ने भी भाग लिया, जबकि मदरसे जनाबे मासूमा की प्रिंसिपल सुश्री एरम अबीदी ने प्रचारक के रूप में भाग लिया।
इस अवसर पर सुश्री ग़ज़ाला जाफ़री ने अपने भाषण में बच्चों को प्रशिक्षित करने पर जोर देते हुए कहां की माता-पिता की ज़िम्मेदारी है कि अपने बच्चों की परवरिश दीने इस्लाम की शिक्षाओं के अनुसार करेें ताकि वे समाज के उपयोगी सदस्य बन सकें।
उन्होंने कहा कि इमाम ज़माना (अ.स.) के सैनिक बच्चे हैं जो माताओं की गोद में हैं। उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि वे ज़माने के अपने इमाम ज़माना(अ.स.) को पहचान सके और कुरबत प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि हर मुंताज़िरे इमामे ज़माना(अ.स.)पर लाजि़म है कि जो ज़ुहूर की राह आसान करने में अपना किरदार अदा करें, इस मौके पर केंद्रीय समन्वय सचिव सुश्री सीमी नक़वी ने भी शाबान महीने में बच्चों को इबादत के विषय पर संबोधित किया।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha